सत्यनारायण पूजन सामग्री -  षोडशोपचार पूजन विधि - satyanarayan pujan samagri list

सत्यनारायण पूजन सामग्री - षोडशोपचार पूजन विधि - satyanarayan pujan samagri list

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सत्यनारायण पूजन सामग्री 

Price: price/ INR 551.00


पूजा सामग्री जो हम देते है .

  1. धूपबत्ती
  2. कपूर
  3. केसर
  4. चंदन
  5. यज्ञोपवीत
  6. रोली
  7. कलावा
  8. रुई
  9. सुपारी
  10. पंचमेवा
  11. गंगाजल
  12. शहद
  13. शक्कर
  14. शुद्ध घी

पूजा सामग्री जो आपको उपलब्ध करानी होती है...

    1. चावल
    2. हल्दी
    3. 5 नग पान के पत्ते
    4. खुले फूल 500 ग्राम
    5. फूलमाला
    6. कुशा व दूर्वा
    7. दही
    8. दूध
    9. ऋतुफल
    10. मिष्ठान्न
    11. चौकी
    12. आसन
    13. 4 केले के पत्ते
    14. पंचामृत
    15. तुलसी दल
    16. कलश (तांबे या मिट्टी का)
    17. सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
    18. लाल या पीला कपड़ा (आधा मीटर)
    19. दीपक 3 नग ( 1 बड़ा+2 छोटे )
    20. ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा)
    21. नारियल, दूर्वा आदि सामग्री ।

    श्री सत्यनारायण पूजा विधि 

    1- पवित्रकरण

    सबसे पहले बाएँ हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ की अनामिका, मध्यमा व अगुष्ठा से नीचे का मंत्र बोलते हुए अपने ऊपर जल छिड़कें ।


    मंत्र
    ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा ।
    यः स्मरेत्‌ पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः ॥
    पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं ।
     

    2- पृथ्वी पूजन

    नीचे दिये मंत्र का उच्चारण करते हल्दी, रोली, अक्षत, पुष्प से पूजन करें ।

    ॐ पृथ्वी त्वया घता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता ।
    त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु च आसनम्‌ ॥
     

    श्री सत्यनारायण पूजन प्रारंभ - षोडशोपचार पूजन विधि 

    १.ध्यान- हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर श्री सत्यनारायण भगवान का ध्यान करें ।

     

    ध्यान मंत्र
    ॐ सत्यव्रतं सत्यपरं त्रिसत्यं सत्यस्य योनिं निहितंच सत्ये ।
    सत्यस्य सत्यामृत सत्यनेत्रं सत्यात्मकं त्वां शरणं प्रपन्नाः ॥
    ध्यायेत्सत्यं गुणातीतं गुणत्रय समन्वितम्‌ ।
    लोकनाथं त्रिलोकेशं कौस्तुभरणं हरिम्‌ ॥

    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, ध्यानार्थे पुष्पाणि समर्पयामि । बोलते हुए अक्षत पुष्प अर्पित कर दें ।

    satyanarayan katha 

    २. आवाहन मन्त्र 
    आगच्छ भगवन्‌ ! देव! स्थाने चात्र स्थिरो भव ।
    यावत्‌ पूजां करिष्येऽहं तावत्‌ त्वं संनिधौ भव ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, श्री सत्यनारायणाय आवाहयामि, आवाहनार्थे पुष्पाणि समर्पयामि ।
     

    ३. आसन- अब सत्यनारायण भगवान को बैठने के लिए पीले चावल का आसन दें ।
    आसन के लिए मंत्र
    अनेक रत्नसंयुक्तं नानामणिगणान्वितम्‌ ।
    भवितं हेममयं दिव्यम्‌ आसनं प्रति गृह्याताम ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, आसनं समर्पयामि ।

     

    ४. पाद्यं- पैर धुलाने का मन्त्र 
    पाद्यं मंत्र
    नारायण नमस्तेऽतुनरकार्णवतारक ।
    पाद्यं गृहाण देवेश मम सौख्यं विवर्धय ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, पादयोः पाद्यं समर्पयामि ।
     

    ५. अर्घ्य- इस मन्त्र से भगवान को अर्घ्य दें ।
    अर्घ्य मंत्र
    गन्धपुष्पाक्षतैर्युक्तमर्घ्यं सम्पादितं मया ।
    गृहाण भगवन्‌ नारायण प्रसन्नो वरदो भव ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, हस्तयोरर्घ्यं समर्पयामि ।

     

    ६. आचमन- इस मन्त्र से भगवान को आचमन करायें ।
    आचमन मंत्र
    कर्पूरेण सुगन्धेन वासितं स्वादु शीतलम्‌ ।
    तोयमाचमनीयार्थं गृहाण परमेश्वर ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, आचमनीयं जलं समर्पयामि ।
     

    ७. स्नान - शुद्धोदक स्नान कराएँ। 
    स्नान मंत्र
    मन्दाकिन्याः समानीतैः कर्पूरागुरू वासितैः ।
    स्नानं कुर्वन्तु देवेशा सलिलैश्च सुगन्धिभिः ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, स्नानीयं जलं समर्पयामि ।

     

    ८. पंचामृत स्नान -  दूध, दही, घी शक्कर एवं शहद मिलाकर पंचामृत  बनाएँ  और भगवान को  पंचामृत से स्नान कराएँ ।
    पंचामृत स्नान मंत्र
    पयो दधि घृतं चैव मधुशर्करयान्वितम्‌ ।
    पंचामृतं मयाऽऽनीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्‌ ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, पंचामृतस्नानं समर्पयामि,
    ८.१ . शुद्धोदक स्नान - पंचामृत स्नान के बाद शुद्ध जल से स्नान।
    शुद्धोदक स्नान मंत्र
    मन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम्‌ ।
    तदिदं कल्पितं तुभ्यं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्‌ ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, शुद्धोदकस्नानं समर्पयामि ।

     

    ९. वस्त्र - स्नानोपरांत भगवान को नूतन वस्त्र या वस्त्र के अभाव में कलावा अर्पित करें ।
    मंत्र
    शीतवातोष्णसंत्राणं लज्जाया रक्षणं परम्‌ ।
    देहालंकरणं वस्त्रं धृत्वा शांतिं प्रयच्छ मे ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, वस्त्रं समर्पयामि ।
    (वस्त्र अर्पित करें, आचमनीय जल दें।)
    १०. यज्ञोपवीत - भगवान को जनेऊ अर्पित करें ।
    नवभिस्तन्तुभिर्युक्तं त्रिगुणं देवतामयम्‌ ।
    उपवीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वर ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, यज्ञोपवीतं समर्पयामि ।

    ११. चन्दन - भगवान को चंदन अर्पित करें ।
    श्रीखण्डं चन्दनं दिव्यं गन्धाढ्यं सुमनोहरम्‌ ।
    विलेपनं सुरश्रेष्ठ चन्दनं प्रतिगृह्यताम्‌ ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, गन्धं समर्पयामि ।
    ११.१. अक्षत - भगवान को चावल अर्पित करें ।
    अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ताः सुशोभिताः ।
    मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वर ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, अक्षतान्‌ समर्पयामि ।


    १२. पुष्पमाला - भगवान को पुष्प तथा फूलमाला चढ़ायें ।
    माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो ।
    मयाऽऽह्तानि पुष्पाणि गृहाण परमेश्वर ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, पुष्पं पुष्पमालां च समर्पयामि ।
    १२.१. दूर्वा - भगवान को दूर्वा अर्पित करें ।
    दूर्वांकुरान्‌ सुहरितानमृतान्‌ मंगलप्रदान्‌ ।
    आनीतांस्तव पूजार्थं गृहाण परमेश्वर ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, दूर्वांकुरान्‌ समर्पयामि ।

    १३. धूप, दीप - भगवान को धूप दीप दिखायें ।
    वनस्पतिरसोद्भूतो गन्धाढ्यः गन्ध उत्तमः ।
    आघ्रेयः सर्वदेवानां धूपोऽयं प्रतिगृह्यताम्‌ ॥
    साज्यं च वर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया ।
    दीपं गृहाण देवेश ! त्रैलोक्यतिमिरापहम्‌ ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, धूपं, दीपं दर्शयामि ।
    १४. नैवेद्य -- भगवान को मिठाई अर्पित करें ।
    (पंचमिष्ठान्न व सूखी मेवा अर्पित करें)

    शर्कराखण्डखाद्यानि दधिक्षीरघृतानि च ।
    आहारं भक्ष्यभोज्यं च नैवेद्यं प्रतिगृह्यताम्‌ ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, नैवेद्यं निवेदयामि ।

    १४.१ . ऋतुफल - भगवान को केले, आम, सेवफल आदि चढ़ायें ।
    फलेन फलितं सर्वं त्रैलोक्यं सचराचरम्‌ ।
    तस्मात्‌ फलप्रदादेन पूर्णाः सन्तु मनोरथाः ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, ऋतुफलं निवेदयामि। मध्ये आचमनीयं जलं उत्तरापोऽशनं च समर्पयामि ।
    १५. ताम्बूल - भगवान को पान सुपारी अर्पित करें ।
    पूगीफलं महद्दिव्यं नागवल्लीदलैर्युतम्‌ ।
    एलालवंगसंयुक्तं ताम्बूलं प्रतिगृह्यताम्‌ ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, मुखवासार्थे ताम्बूलं समर्पयामि ।

    १६. दक्षिणा - भगवान को अपना कमाई का एक अंश के रूप में कुछ द्रव्य अर्पित करें ।
    हिरण्यगर्भ गर्भस्थं हेमबीजं विभावसोः ।
    अनन्तपुण्यफलदमतः शान्तिं प्रयच्छ मे ॥
    ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, दक्षिणां समर्पयामि ।
    पूजन का क्रम पूरा होने पर क्रमशः भगवान श्री सत्यनारायण की कथा का पाठ स्वयं करें या किसी योग्य ब्राह्मण से सुने । कथा समापन के बाद भगवान सत्यनारायण भगवान की आरती करें । आरती के बाद मंत्रपुष्पांजलि अर्पित करें । अंत में शांतिपाठ कर क्षमा याचना का भाव करते हुए श्री सत्यनारायण भगवान की बिदाई करें ।

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